42 की उम्र में गृहिणी से बनीं किसान, अब मिलेट उगाकर कर रहीं लाखों का कारोबार

“मैं रोज सब्जियों के जूस को हेल्दी समझकर अपने बच्चों की पिलाती थी, एक दिन मुझे पता चला कि यह तो slow Poison है। इस घटना ने मेरी जिंदगी ही बदल दी।”

मिलेट माँ कविता देव

Women farmer Success Story , रायपुर की कविता देव आज मिलेट माँ के रूप में जानी जाती हैं। वह 12 एकड़ के खेतों में न सिर्फ फल-सब्जियां और मिलेट्स उगा रही हैं, बल्कि इनसे ढेरों प्रोडक्ट्स भी बना रही हैं। 

लेकिन एक आम गृहिणी से मिलेट माँ बनने तक का उनका सफर हम सबके लिए प्रेरणा है। दरअसल, कविता अपने बच्चों को हेल्दी खाना खिलाने और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने के प्रति काफी सजग थीं। वह हमेशा बच्चों को ताज़ा सब्जियों का जूस और मौसमी सब्जियां खिलाने पर जोर देती थीं। लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि जिसे वह हेल्दी समझ रही थीं, वह एक तरह से जहर है। 

हुआ यूँ कि एक दिन, रोज की तरह उन्होंने अपने बच्चों के लिए सब्जियों का जूस बनाया लेकिन उनके बच्चों ने जूस पीने के बजाय उसे छुपा कर स्कूल चले गए। कविता ने जब शाम को भरा हुआ जूस का गिलास देखा तो उन्हें उसमें एक तेल कि परत नजर आई। कविता को आश्चर्य हुआ और पता लगाने पर उन्हें मालूम चला यह तेल नहीं केमिकल है जो सब्जियों में ही मौजूद था। 

इस घटना के बाद उन्होंने जूस बनाना बंद करके खुद की जैविक सब्जियां उगाना शुरू किया। करीबन चार साल तक अपने छत पर बागवनी करने के बाद उन्हें खेती से इतना लगाव हो गया कि उन्होंने जमीन का टुकड़ा खरीदकर खेती करने का मन बनाया। 

इस तरह बनी मिलेट माँ

धीरे-धीरे कविता ने उस जगह पर सब्जियां-फल और फिर मोटे अनाज उगाना शुरू किया। कविता चाहती थीं कि उनके परिवार की तरह दूसरे घरों तक भी जैविक खाना पहुचें।

इसी उदेश्य से उन्होंने मिलेट से ही डोसा, इडली और उपमा प्रीमिक्स जैसे प्रोडक्ट्स बनाना शुरू किया। इस काम कविता से न सिर्फ सालाना 5 लाख से ज्यादा का टर्नओवर कमा रही हैं बल्कि  अपने परिवार और  कई दूसरे लोगों को शुद्ध और सात्विक जीने में मदद भी कर पा रही हैं। आप भी कविता यानी मिलेट माँ से जुड़ना चाहते हैं तो उन्हें यहां संपर्क कर सकते हैं। 

इस गांव के युवा हर महीने कमाते हैं लाखों!

Leave a Comment