IRFC शेयर क्यों गिर रहा है, Why Irfc share is falling? IRFC में गिरावट क्यों हो रही है, IRFC शेयर क्यों नहीं भाग रहा है, IRFC शेयर लेटेस्ट न्यूज़ हिंदी में।
आज से डेढ़ साल पहले IRFC का शेयर स्टॉक मार्केट में 26 रुपये के डिस्काउंट रेट पर कुछ 24.80 रुपये के इशू प्राइस पर लिस्ट हुआ था. इसके बाद शेयर में कभी उछाल आया भी तो वह बिल्कुल ना के बराबर था मतलब इतना कि वह ₹27 तक भी नहीं पहुंच पाया.
डेढ़ साल बाद आज भी IRFC शेयर अपने 24.80 रुपये वाले लिस्टिंग प्राइस को भी पार नहीं कर पाया है. आप सोच रहे होंगे ऐसे शेयर में कौन निवेश करना चाहेगा?
लेकिन आपको बता दें कि यह कोई ऐसी वैसी कंपनी नहीं है बल्कि यह एक सरकारी कंपनी हैं जो IRCTC यानी इंडियन रेलवे को फाइनेंसिंग में मदद करती है.
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अब क्यों तेजी दिखा रहा है IRFC शेयर
IRFC share latest news hindi:
पिछले कुछ दिनों से IRFC शेयर तेजी दिखा रहा है. 1 महीने में ही शेयर निवेशकों को 6% रिटर्न दे चुका है. जो शेयर कभी ऊपर नहीं जाता था अब वह बढ़ना शुरू हो गया है. 1 महीने पहले irfc शेयर का प्राइस 19.50 रुपये था और अब बढ़कर 20.75 रुपये हो चुका है जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
तो इस शेयर की तेजी के पीछे क्या कारण है, क्या भविष्य में ये शेयर बढ़ने वाला है, क्या आपको इस शेयर में निवेश करना चाहिए और लॉन्ग टर्म में irfc share कितना रिटर्न्स दे सकता है आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे.
IRFC कंपनी क्या काम करती है?
IRFC का पूरा नाम Indian Railway Finance Corporation है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह कंपनी इंडियन रेलवे को उनके बहुत सारे प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने का काम करती है मतलब यह कंपनी भारतीय रेलवे को कर्ज देने का काम करती है।
जैसे- जैसे भारतीय रेलवे का विकास और विस्तार हुआ उनकी वित्तीय जरूरतें भी बढ़ने लगी खासकर कोविड के 2 वर्षों में जब भारतीय रेलवे को अपना परिचालन बंद करना पड़ा जिससे उसकी आय पर भी बुरा प्रभाव पड़ा. स्वाभाविक सी बात है ऐसे में उसका वित्तीय सहायक IRFC भी अपने सीमित स्रोतों के द्वारा भारतीय रेलवे की मदद करने में कठिनाई महसूस कर रहा था।
उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप एक ऐसा धंधा करते हैं जिसमें कई बार जितना प्रॉफिट नहीं होता उससे कई ज्यादा पूंजी लगानी पड़ती है. ऐसे में आप अपनी सहायता के लिए अपने एक दोस्त से उधार लेते रहते हैं। अब उस मित्र के बारे में सोचिए क्योंकि वह जो पैसा आपको देता है वह उसे घर पर तो छापता नहीं है बल्कि वह आपकी मदद करने के लिए कुछ पैसे वाले बड़े लोगों से संपर्क बनाता है जब आपको ज्यादा पैसे की जरूरत हो तो आपका मित्र उनसे उधार लेकर आपको ब्याज पर पैसा दे सके और बीच में अपना कुछ कमीशन निकाल कर काम करता रहे।
ऊपर जो आपने उदाहरण में देखा पिछले कुछ दिनों से IRFC भी अपने दोस्त भारतीय रेलवे के लिए वैसा ही कर रहा है मतलब बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ संपर्क स्थापित कर रहा है ताकि इंडियन रेलवे को महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए फाइनेंसिंग देने में कोई परेशानी ना आए।
इंडियन रेलवे की मदद के लिए IRFC क्या कर रहा है?
भारतीय रेलवे की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फण्ड करने के लिए IRFC कंपनी कुछ बड़ी संस्थाओं के साथ-साथ मिला रही है जैसे; World Bank, न्यू डेवलपमेंट बैंक, नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NBFID)
इनके अलावा कई यूरोपियन बैंकों के साथ मिलकर irfc अपने उधारकर्ता संस्थानों के विस्तार की परियोजना पर काम कर रहा है. इस बात की पुष्टि IRFC कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अमिताभ बनर्जी के हाल ही के एक इंटरव्यू के द्वारा हुई।
अमिताभ बनर्जी का कहना है कि अब हमारा प्रयास केवल रेलवे की केवल फ्रंट आवश्यकताओं की पूर्ति का ही नहीं रह गया है बल्कि अब हम रेलवे की उन परियोजनाओं के लिए भी धन उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे जो फारवर्ड या बैकवर्ड लिंकेज प्रोजेक्ट के रूप में रेलवे कर रही है।
IRFC कंपनी की स्थापना से पहले भारतीय रेलवे को पैसा कौन देता था?
Irfc की स्थापना से पहले रेलवे को जब भी पैसे की आवश्यकता होती थी तो वह सरकार का दरवाजा खटखटाती थी। क्योंकि इंडियन रेलवे जो दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है और इंडिया में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला नियोक्ता है तो जाहिर सी बात है उसकी आवश्यकताएं भी बड़ी है और इन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए IRFC कंपनी की स्थापना की गई।
फिर सरकार ने इसे NBFC यानी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन रूप में काम करने की इजाजत दे दी लेकिन किसी और के लिए नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ इंडियन रेलवे के लिए.
IRFC किन-किन कामों में मदद देती है इंडियन रेलवे को?
वर्ष 1984 से लेकर 2014 तक irfc इंडियन रेलवे की फ्रंटलाइन आवश्यकताओं की पूर्ति करता था जैसे; रोलिंग स्टॉक, बैंगन, कोच, लोकोमोटिव आदि के निर्माण कार्य के लिए ही उधार देता था
लेकिन 2015 के बाद से यह रेलवे की विभिन्न बुनियादी परियोजनाओं जैसे गेज परिवर्तन और अब यह विभिन्न फॉरवर्ड या बैकवर्ड लिंकेज प्रोजेक्ट की परियोजनाओं में रेलवे स्टेशन के रिनोवेशन या पुनर्निर्माण के लिए लिए भी उधार देने लगा जिसमें वेयरहाउसिंग, मेट्रो, multi-mode लॉजिस्टिक पार्क आदि कार्य शामिल हैं।
इसके जो मल्टीमोड लॉजिस्टिक पार्क हैं उनके सड़क और बंदरगाह कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के लिए भी फाइनेंस का काम irfc कंपनी ही करती है।
इन सभी निर्माण कार्यों में पैसा बहुत ज्यादा लगता है इसीलिए irfc लगातार विश्व के बड़े समूहों के साथ अपने संपर्क बढ़ा रहा है।
पीएम गति शक्ति योजना से हुआ IRFC शेयर को लाभ
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के आने के बाद इसे अपने मेमोरेंडम ऑफ आर्टिकल (MOA) में वैसे भी बदलाव करना था.
Irfc ने इस मौके का फायदा उठाया और इस बदलाव में कंपनी ने वैश्विक स्तर से फण्ड इकट्ठा करने का आग्रह भी अपने MOA में ऐड कर दिया, तो हुआ ना एक पंथ दो काज।
IRFC शेयर तेजी क्यों नहीं दिखा रहा है?
IRFC share latest news in hindi:
अगर आप irfc शेयर के दिसंबर 2021 की अपेक्षा मार्च 2022 के तिमाही आंकड़ों पर नजर डालें तो Revenue तो 16-17% बढ़ा है लेकिन EBITDA, Profit Before Tax, Net Income और EPS सहित सभी आंकड़ों में 6-7% की गिरावट हुई है जिसके कारण IRFC शेयर प्राइस लगातार गिर रहा है।
अब आप सोच रहे होंगे कि रिवेन्यू बढ़ने के बावजूद भी बाकी सभी matrices में गिरावट क्यों हुई है? आइए जानते हैं―
रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद क्यों हुई IRFC शेयर में गिरावट?
आपको पता है कि irfc रेलवे को उधार देता है और उधार लेने की लागत को कम करने के लिए कंपनी एक स्ट्रेटजी अपनाती है जिसके अनुसार,
अपने स्तर पर Irfc रेलवे को भविष्य में पडने वाली आवश्यकताओं का पूर्व आकलन करके उसके लिए धन का प्रबंधन पहले ही कर लेती है जिसके लिए वह अलग-अलग बैंकों से ऋण (loan) स्वीकृत करवाकर रख लेती है. साथ ही अगर कंपनी को लगता है कि रेलवे की आवश्यकता और बढ़ने वाली है तो ये धन जुटाने के अन्य माध्यमों जैसे बॉन्ड आदि स्रोतों का भी उपयोग करते हैं।
IRFC को आती है एक बहुत बड़ी दिक्कत
दिक्कत यह है कि irfc ने बैंकों से पहले से ही ऋण स्वीकृत करवा कर रख तो लिया लेकिन रेलवे को वह जरूरत वाले दिन ही पैसा देंगे और उसी दिन से उस पैसे पर irfc ब्याज लगाकर कमाई करना शुरू करेगा।
लेकिन जिस बैंक या बाहरी स्रोत से जब irfc ने ऋण स्वीकृत करवाया था उसी दिन से उसका ब्याज चालू हो गया था.
IRFC का रिवेन्यू बढ़ने के बावजूद भी क्यों नहीं बढ़ता प्रॉफिट?
सरकारी कामों में कई बार ऐसा हो जाता है कि विभागों मंत्रालयों में आ रहे प्रशासनिक उलझनों से रेलवे जो irfc से लोन स्वीकृत करवाना चाह रहा है उसमें विलंब हो जाता है
लेकिन यह जो विलंब होता है उससे इन्हें देरी से रेलवे से आर्डर प्राप्त हो जाते हैं जिससे रिवेन्यू भी बढ़ जाता है लेकिन जो देरी हुई उसका खामियाजा IRFC अपनी जेब से उन बैंकों का ऋण चुका कर करता है।
- जैसे आप वित्तीय वर्ष 2022 के आंकड़े देखें तो irfc ने अपने संसाधनों का लगभग 45% बॉन्ड जारी करने के माध्यम से, 32-33% रुपया टर्म लोन के माध्यम से और 15-16% उधार बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के माध्यम से उठाया.
अब आप irfc द्वारा बैंक से धन जुटाने की चुनौतियों को समझ पा रहे होंगे और कुछ ऐसा ही बाहर से जुटाए जाने वाले पैसे पर होता है जो irfc बांड जारी कर जुटाता है.
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं―
मान लो irfc ने एक बॉण्ड जारी किया और बाहरी निवेशकों से कहा कि हमारी बांड में निवेश करने पर हम आपके पैसे पर एक न्यूनतम XYZ रिटर्न देंगे. इस प्रकार निवेशकों ने कहा ठीक है और पैसा लगा दिया तो आईआरएफसी को टाइमली प्रोजेक्ट भी मिल गया, रेलवे ने आईआरएफसी को टाइमली पर payout भी कर दिया
लेकिन अब विदेशी बाजारों में भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गया का परिणाम होगा कि आईआरएफसी को ज्यादा भुगतान करना होगा जिसका असर इनके प्रॉफिट मार्जिन पर भी होगा
और यही मुख्य कारण है जिसकी वजह से जब irfc शेयर के क्वार्टरली रिजल्ट आते हैं तो इनका रिवेन्यू तो बढ़ता है लेकिन अन्य पैरामीटर्स नहीं बढ़ते. आशा करता हूं आप समझ चुके होंगे ऐसा क्यों होता है.
लेकिन अब इस समस्या का क्या समाधान है?
समाधान वही है जो हमने आपको शुरुआत में बताया था कि कैसे irfc उधार देने वाले बड़े बड़े संस्थानों से अपने वैश्विक विस्तार के लिए संपर्क स्थापित कर रहा है.
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान irfc संसाधनों के लिए वर्ल्ड बैंक, न्यू डेवलपमेंट बैंक, नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इन्फ्राट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NBFID) पढ़ते थे यूरोपीय बैंकों के साथ बातचीत कर रहा है.
इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य है सस्ती कीमत पर ऋण उपलब्ध कराना.
IRFC शेयर न्यूज:
जब बड़े- बड़े संस्थान IRFC कंपनी को उधार देते हैं तो वह इनकी क्रेडिट रेटिंग का भी भली-भांति आकलन करते हैं इसीलिए आईआरएफसी ने प्रमुख घरेलू रेटिंग एजेंसियों जैसे (CRISIL, ICRA, CARE) से ‘AA’ की शानदार रिटर्न प्राप्त कर ली है.
कंपनी की इस शानदार निर्णय को देखते हुए बहुत सारे रिटेल निवेशक IRFC शेयर में निवेश कर रहे हैं जिससे पिछले 1 महीने से आईआरएफसी शेयर का प्राइस लगातार ऊपर बढ़ रहा है.
Irfc कंपनी का रेवेन्यू बढ़ाने के बावजूद यह अपने प्रॉफिट मार्जिन नहीं बढ़ा पा रहे हैं जिससे शेयर लगातार नीचे गिर रहा है लेकिन अब कंपनी अपने प्रॉफिट मार्जिन सुधारने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से संपर्क बना रहा है।
कंपनी जिस नीति पर काम कर रही है अगर उससे वह अपने नेट प्रॉफिट को बढ़ा पाती है तो आप इस शेयर में निवेश करने का निर्णय ले सकते हैं लेकिन ये कोई स्टॉक रिकमेंडेशन नहीं है।
इनका बिजनेस रेलवे से जुड़ा है मतलब ये एक सरकारी कंपनी है तो अगर आपको भारतीय रेलवे का बिजनेस समझ आता है और इस कंपनी पर आपने अच्छे से अध्ययन किया हुआ है तो आप लॉन्ग टाइम या भविष्य के लिए इस शेयर पर नजर रख सकते हैं।
आशा करता हूं आपको Irfc share news in hindi और आईआरएफसी शेयर के बारे में विस्तृत जानकारी उपयोगी लगी होगी. यहां पर मैंने आपको जो जानकारी दी वह मेरा व्यक्तिगत अध्ययन है इसीलिए इस पोस्ट को पढ़कर निवेश संबंधी कोई निर्णय ना लें.
क्या आपने भी irfc share में निवेश किया हुआ है कमेंट में जरूर बताएं और अगर आपका irfc शेयर से संबंधित कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में पूंछ सकते हैं।